एक दिन की बात है ,याद वो आने लगे
झरोखे उनकी यादों के ,दिल को सुकून पहुचने लगे
अब तक पसरे थे अँधेरे तन्हाईयों के
उस आभा को देख कर ,हम भी मशालें जलाने लगे
एक अरसे से किसी का ,इंतज़ार था
अचानक किसी ने ख्वाबों में दस्तक दी
सोंचा कि वही बेमुरब्बत तन्हाई होगी
लेकिन वो तो आपके चेहरे कि तपिश
अब तो दिल करता है ,एक नया जहाँ बनाऊं
हवाओं में उनकी खुशबू
आसमान पे उनकी तस्वीर लअगाऊं
बागों से फूल क्या ,चाँद तारे भी उनके पल्लू में सजाऊं
Saturday, March 27, 2010
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awesome.....very thoughtful...........
ReplyDeletenice one mam.......